नवाजुद्दीन सिद्दकी हिंदी फिल्मों के जाने माने अभिनेता हैं और बॉलीवुड की कई महत्वपूर्ण फिल्मों में अपने अभिनय का जलवा बिखेर चुके हैं। उन्हें आलोचकों से प्रशंसा मिलने के बाद जनता का भी ढ़ेर सारा प्यार मिला हैा उन्हें उनके अभिनय के लिए कई सारे पुरस्कारों से भी 'नवाजा' जा चुका हैा बॉलीवुड के साथ साथ अब उनकी हॉलीवुड में भी फैन फालोइिंग बढ़ चुकी है। नवाज़ का जन्म 19 मई 1974 में यूपी के बुढाना(budhana) में हुआ। उनका पूरा नाम नंबरदार नवाजुद्दीन सिद्दीकी है पर उन्होंने बॉलीवुड में आने से पहले अपना नाम बदल लिया। नवाज़ुद्दीन एक ज्वाइंट फैमिली में पले बढ़े , अपने सात भाई और दो बहनों के साथ। 1970 के दशक में जब मनोरंजन के लिए कोई टीवी नहीं होता था तब गांव में होने वाले कार्निवल और सांस्कृतिक कार्यक्रम ही मनोरंजन का एकमात्र जरिया होते थे। बचपन में जब भी नवाज उन्हें देखते तो वह भी उन्हीं का हिस्सा बनने की चाह करते । Gurukul kangri university से bsc केमिस्ट्री में ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने लगभग 1 साल वडोदरा में केमिस्ट का काम किया, जिसके बाद वह काम की तलाश में दिल्ली आ गए । delhi आने के बाद उन्होंने एक थियेटर प्ले देखा जिसे देख कर उनमें कुछ अलग करने की एक चाहत हुई । New Delhi के national स्कूल ऑफ ड्रामा का हिस्सा बनने के लिए उन्होंने लगभग 10 plays में act किया जिसके बाद आखिरकार उन्हें उनकी मेहनत और talent के कारण national school of drama का हिस्सा बनने का मौका मिला। हालांकि Delhi में गुजारा करना इतना आसान काम नहीं है । नवाज ने भी दिल्ली में सरवाइव करने के लिए नोएडा की एक टॉय फैक्ट्री में वॉचमैन की नौकरी की जिसके लिए उन्हें हर महीने ₹500 मिलते थे । हालांकि बाद में उन्हें उस नौकरी से निकाल दिया गया था क्योंकि उन्हें पूरा दिन धूप में खड़े रहना पड़ता , जब भी वह कुछ पल पेड़ की छांव में बैठकर आराम करते तभी उस समय उस फैक्ट्री का मालिक वहां आ जाता और यह सोच कर कि नमाज कुछ काम नहीं करते बस आराम करते रहते हैं उन्होंने उन्हें नौकरी से निकाल दिया। साल 1996 में नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से ग्रेजुएशन करने के बाद नवाज मुंबई आए । उन्होंने बॉलीवुड में पहला कदम आमिर खान की फिल्म सरफरोश से रखा जिसमें उन्होंने 39 सेकंड का एक छोटा सा सीन किया था। हालांकि उस सीन के लिए उनके दोस्त का सिलेक्शन हुआ था पर क्यों की शूटिंग के दिन उनका दोस्त वहां मौजूद नहीं था इसलिए यह रोल नवाज को मिल गया। इसके बाद उन्होंने कई फिल्में जैसे राम गोपाल वर्मा की शूल , जंगल और राजकुमार हीरानी की मुन्ना भाई एमबीबीएस में छोटे छोटे किरदार निभाए। मुंबई आने के बाद वे टीवी सीरियल्स करना चाहते थे हालांकि ऐसा नहीं हो सका । उन्होंने 2003 में एक शॉर्ट फिल्म की जिसका नाम था ‘द बाईपास’ जिसमें वे इरफान खान के साथ नजर आए । साल 2002 से 2005 का समय उनके लिए सबसे कठिन रहा क्योंकि उस दौरान उनके पास कोई काम नहीं था जिस कारण वह पैसों की तंगी का सामना कर रहे थे। इसलिए वह एक छोटे से फ्लैट में रहने लगे जिसमें 4 लोग रहते थे। क्योंकि उनके पास फ्लैट का किराया देने के पैसे नहीं थे इसलिए उन्हें खाना बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई। बाद में उन पर lunch,breakfast,dinner , साफ-सफाई और बाकी जिम्मेदारियां भी डाल दी गई अपने साथ ऐसा नौकर जैसा बर्ताव होने से तंग होकर उन्होंने घर छोड़ दिया। अपनी परेशानी के दिनों में नवाज जब एक बार रेलवे स्टेशन पर अपने दोस्तों के साथ बैठे थे वहीं पर उनकी मुलाकात अनुराग कश्यप से हुई , जिन्होंने बॉलीवुड में अपना करियर एक राइटर के तौर पर शुरू ही किया था । तब अनुराग ने उन्हें शूल फिल्म के लिए होने वाले ऑडिशंस के बारे में बताया जिसमें नवाज ने एक वेटर का रोल किया। बॉलीवुड में अपनी जगह बनाने वाले नवाज ने कई दिक्कतों का सामना किया पर उनहोंने हार नहीं मानी। उनकी पहली लीड रोल वाली फिल्म मिस लवली थी जो 2012 में रिलीज होनी थी पर प्रोडक्शन में प्रॉब्लम के कारण वह 2014 में रिलीज हुई । एक जमींदार फैमिली से ताल्लुक रखने वाले नवाज की एक्टिंग का लोहा बॉलीवुड के कई बड़े दिग्गज मानते हैं । उन्होंने आमिर खान, सलमान खान और शाहरुख खान जैसे बड़े सितारों के साथ काम किया। गैंग्स ऑफ वासेपुर में उनकी एक्टिंग से प्रभावित होकर वरुण धवन उनके फैन बन गए और उनके साथ काम करना चाहते थे और उनकी चाहत पूरी हुई फिल्म बदलापुर में । 2013 में लक्मे फैशन वीक में नवाज ने अपनी जिंदगी का पहला रैंप वॉक किया जिसमें फैशन डिजाइनर Troy Costa ने उन्हें फीचर किया था क्योंकि उन्हें नवाज की स्ट्रगल स्टोरी अपनी ही स्ट्रगल स्टोरी जैसी लगी । नवाज का मानना है कि पैसा ही सब कुछ नहीं होता । वह कोई भी फिल्म किरदार देखकर साइन करते हैं , पैसे देख कर नहीं । वह उन किरदारों को करना पसंद करते हैं जिनके सफर से वह खुद भी कुछ सीखें। वह हमेशा अपनी फिल्म को रियालिटी से जोड़ने की कोशिश करते हैं ताकि दर्शक उनके किरदार को बेहतर तरीके से समझ सके । नवाज अपने आप को बहुत बड़ा एक्टर नहीं मानते बल्कि वह तो मानते हैं कि उनसे बुरा एक्टर कोई है ही नहीं । इतनी बड़ी ऊंचाइयां हासिल करने के बाद भी नवाज अपना व्यवहार बिल्कुल सामान्य रखते हैं, अपने पास कभी भी ज्यादा पैसे नहीं रखते, हमेशा बहुत ही अदब से बात करते हैं और यही उनकी सहायता करता है जमीन से अपना तालुक बनाए रखने में ।